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प्रश्न कौशल क्या है: Skill of Questioning in Hindi

इसमें प्रश्न कौशल (Skill of Questioning),प्रश्न कौशल क्या है, प्रश्न कौशल,Skill of Questioning in Hindi, प्रश्न पूछने के उद्देश्य, प्रश्न कौशल के विभिन तत्त्व, प्रश्नों के प्रकार, प्रश्न कौशल की निरीक्षण सूची, प्रश्न कौशल हेतु सूक्ष्म पाठयोजना आदि विषयों पर चर्चा करेगें।

प्रश्न कौशल (Skill of Questioning)

शिक्षण प्रक्रिया में प्रश्न अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। प्रश्नों के माध्यम से शिक्षक विषय-वस्त को स्पष्ट करने का प्रयत्न करता है तथा शिक्षण के बीच-बीच में छात्रों की ग्राह्यता तथा अवबोध क्षमता का भी पता लगाता है। शिक्षण की सफलता बहत कुछ प्रश्नों के पूछने की कुशलता पर भी निर्भर करती है।

बॉसिंग (Bossing) के अनसार, “प्रश्न” करने की कला का महत्त्व स्वीकार किये बिना कोई भी शिक्षण विधि सफलतापूर्वक लागू नहीं की जा सकती।”

 

प्रश्न पूछने के उद्देश्य :

1. छात्रों के पूर्वज्ञान का पता लगाना,

2. छात्रों में पाठ के प्रति रुचि जागृत करना,

3. छात्रों का पाठ के महत्त्वपूर्ण स्थलों की ओर ध्यान केन्द्रित करना,

4. छात्रों में कल्पना शक्ति, तर्क शक्ति, निरीक्षण शक्ति का विकास करना,

5. छात्रों की व्यक्तिगत कमियों का पता लगाना,

6. छात्रों का मूल्यांकन करना,

7. शिक्षक स्वयं अपनी शिक्षण की सफलता का मूल्यांकन करने हेतु,

8. छात्रों को नवीन ज्ञान सीखने की प्रेरणा देना,

9. पढ़े गये पाठ की पुनरावृत्ति हेतु,

10. शिक्षण में छात्रों को सक्रिय रखने हेतु एवं छात्रों में अभिव्यक्ति कौशल का विकास करना।

 

 

प्रश्न कौशल के विभिन तत्त्व:

1.बनावट- प्रश्नों की बनावट सरल व बोधगम्य होनी चाहिए। प्रश्नों का आकार छोटा होना चाहिए। प्रश्न स्तर के अनुकूल तथा विषय से सम्बद्ध होने चाहिए।

2. प्रश्न का प्रस्तुतिकरण- प्रश्न सम्पूर्ण कक्षा के सम्मुख पूछा जाना चाहिए। इसके बाद किसी छात्र विशेष की ओर इशारा कर प्रश्न पूछना अधिक प्रभावी होता है इससे सभी छात्रों का ध्यान प्रश्न की ओर केन्द्रित रहता है।

3. संकेत द्वारा- जब छात्र आधा उत्तर देकर रुक जाए, उत्तर देने में घबराए या उत्तर पूर्णतया सही न हो तथा अध्यापक छात्रों को कुछ दूसरे प्रश्न बनाकर उसे उत्तर का संकेत देते हुए विषय स्पष्ट करने का प्रयल करता है।

4. अधिक सुचना प्राप्ति- स्पष्टीकरण व व्याख्या करने हेत् अध्यापक अनेक प्रश्न पूछता है।

5. पुनकेन्द्रण तकनीक – जब छात्र सही उत्तर देता है तो इस तकनीक का सहारा लेकर अध्यापक पूर्व पढ़ी हुई स्थिति का उदाहरण लेकर छात्र का ध्यान उस ओर पुनः केन्द्रित करना चाहता है जिससे ज्ञात कर सके कि छात्र ने वास्तव में विषय को समझकर उत्तर दिया है अथवा नहीं।

6. पुननिर्देशन विधि- शिक्षक उसी प्रश्न को कई छात्रों से पूछकर उत्तर प्राप्त करता है, इसका मुख्य उद्देश्य अधिकाधिक छात्रों को सक्रिय रखना है।

7. समीक्षात्मक विधि- इस चरण में शिक्षक छात्रों द्वारा दिये गये उत्तरों में क्या ? क्यों ? कैसे ? आदि प्रश्न पूछता है तो अध्यापक का उद्देश्य यह होता है कि इससे छात्रों की समीक्षात्मक अभिज्ञता में वृद्धि होगी।

 

प्रश्नों के प्रकार :

प्रश्नों के अनेक प्रकार हैं तथापि इसमें कुछ निम्नलिखित समूहों को रखा जा सकता है:

1. स्मृत्यात्यक प्रश्न- यह प्रश्न छात्रों की स्मृति पर आधारित होते हैंः

(अ) प्रस्तावनात्मक प्रश्न- पाठ्य-वस्तु को प्रारम्भ करने से पूर्व छात्रों के पूर्वज्ञान पर आधारित प्रश्न प्रस्तावनात्मक प्रश्न कहलाते हैं।

(ब) आवृत्यात्मक प्रश्न-पाठ समाप्ति पर पाठ की सफलता तथा छात्रों की उपलब्धि का ज्ञान प्राप्त करने के लिए आवृत्त्यात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं।

 

2. विचारात्मक प्रश्न- ये पाठ के मुख्य शिक्षण पर आधारित तथा जटिल विषयों को स्पष्ट करने के लिए पूछे जाते हैं ।

(अ) बोध प्रश्न-उन प्रश्नों को कहते हैं जिनकी सहायता से शिक्षक को यह ज्ञात होता है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई हुई विषय-सामग्री का ज्ञान हुआ अथवा नहीं।

See also  शिक्षण का अर्थ,परिभाषा और प्रकृति | Definition of Teaching in Hindi

(ब) विचार-विश्लेषणात्यक प्रश्न- ये प्रश्न बोध प्रश्नों की तुलना में कठिन होते हैं। विशेषत: किसी भी भाषा के शिक्षण के समय मुख्य भावों को स्पष्ट करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।

(स) विकासात्मक प्रश्न- प्रायः सामाजिक विज्ञान विषयों के पाठों में विकासात्मक प्रश्नों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के प्रश्नों द्वारा विद्यार्थियों के सहयोग से नवीन ज्ञान को तार्किक क्रम में विकसित किया जाता है। ऐसे प्रश्न छात्रों को मानसिक क्रिया को उत्तेजित करके उन्हें अपनी बद्धितर्क तथा निर्णय आदिशक्तियों का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करते हैं।

(द) तुलनात्मक प्रश्न– इनका प्रयोग तथ्यों तथा घटनाओं की परस्पर तुलना करने हेत इतिहास, भूगोल, विज्ञान आदि विषयों में किया जाता है। हिन्दी और संस्कत भाषा में भी पद्य-शिक्षण करते समय समान भाव की कविता अथवा श्लोक लकर उसके ऊपर तुलनात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं।

(य) समस्यापक प्रश्न– ये प्रश्न छात्रों को मानसिक दष्टि से क्रियाशील बनाते हैं। पाठ के प्रारम्भ में प्रस्तावनात्मक प्रश्नों में अन्तिम प्रश्न समस्यात्मक ही रखा जाता है जिससे छात्रों की नवीन विषय की ओर रुचि बढे तथा वे उस प्रश्न का समाधानका इसी प्रकार के प्रश्न पाठ के अन्त में भी रखे जाते हैं जिससे छात्र पढे हुए विषय का प्रयोग दूसरी जगह भी कर सकें।

 

3. उत्तरों के आकार पर आधारित प्रायः

(अ) निवन्यापक प्रश्न- इन प्रश्नों का प्रयोग गृह- कार्य व लिखित परीक्षा में किया जाता है शिक्षण के मध्य नहीं। जैसा कि इनके नाम से स्पष्ट है इनके उत्तर निबन्ध के रूप मे लिखे जाते है। ये विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि कर भाषा-शैली को परिमार्जित करते हैं। किन्तू इन प्रश्नों में कतिपय दोष भी होते है जैसेः

(अ) अधिक समय में कम ज्ञान की परीक्षा,

(ब) ऐसे प्रश्नों के उत्तर प्रायः अनिश्चित होते हैं जिससे मल्यांकन में कठिनाई होती है,

(स) विद्यार्थियों के अर्जित ज्ञान की पूर्ण परीक्षा नहीं ली जा सकती।

निवन्यात्मक प्रश्नों के उदाहरण जैसे:

1.महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालिए।

2. व्यक्तित्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके मापन की विभिन्न विधियों का सविस्तार उल्लेख कीजिए।

 

(ब) लवृत्तरात्यक प्रश्न- इन प्रश्नों का उत्तर संक्षेप में दिया जाता है। ये प्रश्न कक्षा शिक्षण के प्राण होते तथा गृहकार्य में लिखित परीक्षा तथा मौखिक परीक्षा में भी इनका बखूबी प्रयोग किया जाता है। इन प्रश्नों के माध्यम से छात्रों की विभिन्न क्षेत्रों में जानकारी का मूल्यांकन आसानी से किया जा सकता है।

लघूनरात्मक प्रश्नों के उदाहरण:

1.अहमदाबाद किस नदी के किनारे स्थित है।

2. चावल का उत्पादन किस प्रदेश में सर्वाधिक होता है।

(स)वस्तुनिष्ठ प्रश्न- इन प्रश्नों के उत्तर सूक्ष्म तथा निश्चित होते हैं। इन प्रश्नों के द्वारा भाषा-शैली का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता, फिर भी इनका प्रयोग शिक्षण कार्य है-कार्य तथा परीक्षा के समय किया जा सकता है। इनके प्रयोग से कम समय में अधिक ज्ञान का पता लगाया जा सकता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उदाहरण निम्नलिखित हैं:

(क) सत्य/असत्य अथवा हाँ/नहीं में स्वीकार किये जाने वाले यथा निम्नलिखित में सत्य तथा असत्य पर (Tic) का निशान लगाइये :

  1. करल कत्थककली नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। सत्य/असत्य
  2. विश्व में थार रेगिस्तान सबसे बड़ा है। सत्य/ असत्य ।

 

वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में बहुविकल्पात्मक प्रश्न तथा रिक्त स्थानों की पर्ति सम्बन्धी प्रश्न भी दिये जाते हैं। प्रश्न पूछते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  1. शिक्षक को कक्षा के सामने मध्य में खड़े होकर प्रश्न करने चाहिएँ,
  2.  प्रश्नों की भाषा स्पष्ट होनी चाहिए,
  3. शिक्षक को प्रश्न पूछते समय पर्याप्त स्वर में बोलना चाहिए जिससे कक्षा के सभी विद्यार्थी प्रश्न को आसानी से सुन सकें,
  4. प्रश्न पूछते समय विविधता का ध्यान रखना चाहिए, जिससे पाठ के सभी पक्षों पर चर्चा हो सके तथा छात्रों की रुचि बनी रहे। एक ही तरह के प्रश्नों से छात्र नीरसता अनुभव करने लगते हैं,
  5. कक्षा का वातावरण सौहार्द्रपूर्ण होना चाहिए,
  6. अध्यापक की मुखमुद्रा प्रसन्न होनी चाहिए,
  7. छात्रों को नाम से पुकारा जाना चाहिए जिससे सभी छात्र सतर्क रहे
  8. प्रश्नों को बार-बार दोहराया नहीं जाना चाहिए,
  9. सम्पूर्ण कक्षा में प्रश्नों का विवरण दिया जाना चाहिए। केवल आगे बैठे छात्रों तथा प्रतिभाशाली छात्रों से ही प्रश्न पूछकर अपने कार्य की इतिश्री नहीं मानी जानी चाहिए,
  10.  प्रश्नों की गति बहुत तीव्र तथा बहुत मन्द नहीं होनी चाहिए,
  11. प्रश्न निश्चित उद्देश्य से पूछे जाने चाहिएँ,
  12. प्रश्न एक दूसरे से सम्बन्धित होने चाहिए,
  13. एक समय में एक ही छात्र से प्रश्न पूछे जाने चाहिएं।
See also  प्रदर्शन नीति की विशेषताएँ, दोष, सुधार के लिए सुझाव | Demonstration Strategy in Hindi

 

 

प्रश्न कौशल हेतु सूक्ष्म पाठयोजना

विषय : हिन्दी                                                            समय: 10 मिनट

       कक्षा: सातवीं प्रकरण :                                                        ऐतिहासिक इमारत : ताजमहल

 

शिक्षक-ताजमहल का चित्र प्रस्तत करते हुए प्रश्न करेगा- यह किसका चित्र है?

छात्र-यह ताजमहल का चित्र है।

शिक्षक-ताजमहल कहाँ पर स्थित है ?

छात्र- यह आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित है।

शिक्षक- ताजमहल का निर्माण किसने करवाया था ?

छात्र-इसका निर्माण शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताजमहल की स्मृति में करवाया था।

शिक्षक- ताजमहल का निर्माण कब करवाया था ?

छात्र- छात्र निरुत्तर रहते हैं।

शिक्षक- ताजमहल का निर्माण 1631 ई. में हुआ था।

शिक्षक- ताजमहल किस प्रकार के पत्थर से बना हुआ है ?

छात्र- ताजमहल सफेद संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है।

शिक्षक-ताजमहल बनाने कितने मजदूरों ने काम किया था।

छात्र -इसे बनाने में लगभग 20 लाख मजदूरों ने काम किया था।

शिक्षक-शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों को शाहजहाँ ने क्या इनाम दिया था?

छात्र -शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिये थे, ताकि वे ऐसी अन्य कोई इमारत न बना सकें।

शिक्षक-ताजमहल के चारों तरफ का दृश्य कैसा है?

छात्र-ताजमहल के चारों तरफ सुन्दर उद्यान, विविध पेड़-पौधे, रंग-बिरंगे फूल तथा पानी के फव्वारे लगे हैं।

शिक्षक-शरद पूर्णिमा की रात्रि को लोग ताजमहल देखने क्यों आते है?

छात्र -शरद पूर्णिमा को चाँदनी में ताजमहल चाँदी के समान चमचमाता है।

शिक्षक-आज ताजमहल के उपर कौनसा खतरा मंडरा रहा है?

छात्र-निरुत्तर रहते हैं।

शिक्षक- आज ताजमहल के सौन्दर्य तथा स्थायित्व को पर्यावरण प्रदूषण से बहुत खतरा हो गया है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार तथा केन्द्र सरकार ताजमहल के आसपास के औद्योगिक केन्द्रों को स्थानान्तरित करने के लिए तत्पर है।

इस प्रकार पाठ आगे चलता है।

 

प्रश्न कौशल की निरीक्षण सूची:

निरीक्षण करने हेतु निम्नलिखित सूची तैयार की जाती है। इसमें निरीक्षण के समय प्रति मिनट में शिक्षण तत्त्वों की आवृत्ति लगाई जाती हैः

निरीक्षण करने हेतु निम्नलिखित  सूची तैयार की जाती है। इसमें निरीक्षण के समय प्रति मिनट में शिक्षण तत्त्वों की आवृत्ति लगाई जाती हैः

छात्राध्यापक का नाम…….. कक्षा………..दिनांक………विषय…………प्रकरण………….

 

प्रश्न कौशल

प्रश्न कौशल

 

प्रश्न” शिक्षण को गति देने तथा छात्रों सक्रिय रखने के साधन है। यह शिक्षक की योग्यता पर निर्भर करता है कि यह विषय को सुग्राह्य, सरस व रोचक बनाने के लिए कब व कैसे प्रश्न छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करे।

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