vyaakhya kaushal se aap kya samajhate hain

व्याख्या कौशल से आप क्या समझते हैं ? इसके प्रमुख घटकों का वर्णन कीजिए। व्याख्या कौशल हेतु सूक्ष्म पाठ-योजना

 इस पोस्ट में हम लोग व्याख्या कौशल से आप क्या समझते हैं, व्याख्या कौशल का अर्थ, Meaning of Skill of Explaining in Hindi, व्याख्या कौशल के प्रयोग में सावधानियाँ, व्याख्या कौशल के तत्त्व या व्याख्या कौशल के घटक, व्याख्या कौशल की विभिन्न विधियाँ, व्याख्या कौशल हेतु सूक्ष्म पाठ-योजना आदि का अध्ययन करेगें।

 

व्याख्या कौशल का अर्थ (Meaning of Skill of Explaining)

पाठ में आये कठिन भावों, कठिन शब्दों, घटनाओं, क्रियाओं परिणामों आदि को जिस कौशल से स्पष्ट किया जाता है, उसे व्याख्या कौशल कहते हैं। इससे छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान होता है। प्रायः कक्षा में तीन प्रकार के छात्र पाये जाते है- कुशाग्र बुद्धि, सामान्य बुद्धि तथा मन्दबुद्धि। शिक्षक व्याख्या द्वारा इन तीनों ही तरह के छात्रों के समक्ष अपने विषय को स्पष्ट करने का प्रयत्न करता है। व्याख्या कौशल का प्रयोग प्राय: सभी विषयों में अनिवार्य माना जाता है, जैसे-सामाजिक विषयों के तथ्यात्मक एवं सूचनात्मक पाठों में इसका प्रयोग किया जाता है तथा भाषा शिक्षण में कठिन शब्दों, वाक्यों तथा भावों को पूर्वज्ञान के आधार पर स्पष्ट करने के लिए इस प्रविधि की विशेष आवश्यकता होती है।

व्याख्या के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए इस प्रविधि की विशेष आवश्यकता होती है। व्याख्या के अर्थ को स्पष्ट करते हुए ए.एच. गार्लिक’ ने लिखा है, “व्याख्या का अभिप्राय इस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा किसी शब्द, शब्द समह या कथन के अर्थ की सारी जटिलता दूर हो जाती है।”

 एल. सी. सिंह व आर. डी. शर्मा ने अपनी पुस्तक ‘माइक्रो टीचिंग थ्योरी एण्ड प्रेक्टिस’ (1987) में कहा है, कि “व्याख्या का आशय ऐसे क्रियाकलापों से है जो छात्रों में किसी विषय की अवधारणा, सिद्धान्त व तथ्यों का ज्ञान कराती है। व्याख्या करते समय तथ्यों व क्रियाओं के कारणों और विषय के निष्कर्षों तक पहुँचने के लिए लिये गये तार्किक कदमों का उल्लेख किया जाना चाहिए।”

 

व्याख्या कौशल के प्रयोग में सावधानियाँ

1. व्याख्या बालकों के पूर्वज्ञान, पूर्वानुभवों, मानसिक स्तर तथा सामाजिक-आर्थिक स्तर के अनुकूल की जाये।

See also  मौड्यूलर एप्रोच क्या है?, मौड्यूल निर्माण के पद, विशेषताएँ | Modular Approach in Hindi

2. व्याख्या शुद्ध, सरल और स्पष्ट हो, किन्तु उपदेशात्मक न हो।

3. व्याख्या बहुत विस्तृत तथा बहत संक्षिप्त नहीं होनी चाहिए।

4. व्याख्या सदैव उचित स्थलों पर की जानी चाहिए। यदि व्याख्या उनसे पहले अथवा बाद में की जाती है तो उसका महत्त्व कम हो जाता है।

5. व्याख्या से पूर्व शिक्षक को हर प्रकार का भ्रम दूर कर देना चाहिए, जिससे व्याख्या देते समय कोई बाधा न हो।

6. व्याख्या को उदाहरण और दृष्टान्त देकर सजीव और रोचक बनाना चाहिए।

7. भाषा शिक्षण में गद्यांश अथवा पद्यांश की व्याख्या करते समय तुलनात्मक युक्तियों को प्रयोग में लाना चाहिए, जैसे, समानता तथा असमानता के भावों की पंक्तियाँ,पर्यायवाची तथा विलोम शब्द आदि।

8. व्याख्या करते समय छात्रों की रुचि बनाये रखने के लिए उनसे प्रश्न पूछने चाहिएं तथा छात्रों को भी प्रश्न पूछने के अवसर देने चाहिएँ।

9. व्याख्या को सरल तथा रुचिकर बनाने के लिए उदाहरणों, दृष्टान्तों तथा चित्रों का आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जाना चाहिए।

 

व्याख्या कौशल के तत्त्व या व्याख्या कौशल के घटक

व्याख्या कौशल के निम्नलिखित तत्त्वों के प्रयोग से छात्राध्यापकों में वांछित व्यवहारों का विकास किया जा सकता है :

(1) भाषा में धारा प्रवाह,

(2) कथनों में तारतम्यता,

(3) स्पष्ट प्रारम्भिक कथन,

(4) स्पष्ट निष्कर्ष,

(5) सम्बद्ध कथनों का प्रयोग,

(6) छात्रों की सम्भागिता; एवं

(7) उपयुक्त शब्द, मुहावरे तथा लोकोक्तियों का प्रयोग

 

व्याख्या कौशल की विभिन्न विधियाँ

शिक्षक द्वारा व्याख्या करते समय अनेक विधियों/प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है. इन विधियों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जा सकता है।

1. उद्बोधन विधि:

(क) प्रत्यक्ष वस्तु प्रदर्शन

(ख) प्रत्यक्ष क्रिया प्रदर्शन

(ग) प्रतिकृति

(घ) चित्र

(ड) रेखाचित्र

(च) मानचित्र

(ज) अभिनय

(छ) वीडियो

See also  माइलेशियन मत के दार्शनिक(थेल्स, एनेक्जिमेण्डर और एनेक्जिमेनीज) | Milesians School in Hindi

 

2. प्रवचन विधि:

(क) अर्न्तकथा

(ख) ऐतिहासिक घटना

(ग) उदाहरण

(घ) तुलना

(ङ) पर्यायवाची शब्द

(च) समान रूप शब्द

(छ) विलोम शब्द

(ज) परिभाषा

 

3. स्पष्टीकरण :

(क) व्युत्पत्ति

(ख) वाक्य प्रयोग

(ग) शब्द खण्ड द्वारा (समास विग्रह, सन्धि विच्छेद, प्रत्यय व उपसर्ग)

(घ) प्रश्न

(ङ) मुहावरे व लोकोक्तियाँ 

 

4. शब्द पहचान विधि :

(क) अनेकार्थी शब्दों का ज्ञान,

(ख) सहचर शब्द

(ग) प्रतीकात्मक अर्थ,

(घ) शब्दों के प्रकार (तत्सम, तद्भव, देशज व विदेशज)

 

व्याख्या कौशल हेतु सूक्ष्म पाठ-योजना

विषय : हिन्दी

कक्षा: VIII

प्रकरण : बलिदान

समय : 10 मिनट

‘बलिदान’ नामक पाठ पढ़ाते समय छात्राध्यापिका गद्यांश में आये कठिन शब्दों की व्याख्या छात्रों की सहायता से निम्नवत करेंगी।

 

व्याख्या कौशल

 

पाठ्यांश में उपर्युक्त शब्दों के अतिरिक्त छात्रों को यदि कोई कठिन शब्द या भाव जटिल लगता है तो अध्यापिका प्रश्न व कथन के माध्यम से व्याख्या कर छात्रों की शंकाओं का समाधान करेंगी।

 

व्याख्या कौशल की निरीक्षण सूची:

अध्यापक का नाम……………….

कक्षा …………………..

दिनांक………………..

विषय…………….

प्रकरण……………….

समय : 10 मिनट

(व्याख्या कौशल के तत्त्वों की आवत्ति का अंकन प्रति मिनट से करें)

 

व्याख्या कौशल

 

 

 

व्याख्या कौशल की मूल्यांकन सूची:

छात्राध्यापक का नाम……………………

दिनांक………………

विषय……….

प्रकरण…………………..

समय : 10 मिनट (व्याख्या कौशल के तत्त्वों की आवृत्ति का गुणात्मक मूल्यांकन अंकित करें।)

 

 

 

Important Link

उद्दीपन परिवर्तन कौशल क्या है ? | Skill of Stimulus Variations in Hindi

पुनर्बलन कौशल क्या हैं, अर्थ एवं परिभाषा | Reinforcement Skill in Hindi

उदाहरण सहित दृष्टान्त कौशल | Skill of Illustrations With Examples in Hindi

प्रदर्शन कौशल क्या है ? | Skill of Demonstration in Hindi

व्याख्यान कौशल और श्यामपट्ट-लेखन कौशल | Skill of Black-board Writing and Skill or Lecturing in Hindi

प्रश्न कौशल क्या है: Skill of Questioning in Hindi

शिक्षण कौशल क्या है: प्रस्तावना कौशल | Teaching Skill in Hindi

सूक्ष्म शिक्षण चक्र क्या है ? | Cycle of Micro-Teaching in Hindi

सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ एवं परिभाषायें | Meaning & Definitions of Micro-Teaching In Hindi

आधुनिक शिक्षण प्रतिमान- सूचना प्रक्रिया स्रोत (Information Process Source)

आधुनिक शिक्षण प्रतिमान- सामाजिक अन्तःप्रक्रिया स्रोत | Modern Teaching Model in Hindi

हिल्दा तबा का शिक्षण प्रतिमान | Taba’s Model of Teaching in Hindi

फ्लैण्डर की अन्तः क्रिया विश्लेषण प्रणाली | Flanders Ten Interaction Analysis Category System

बुनियादी शिक्षण प्रतिमान (A Basic Teaching Model) | ग्लेसर का बुनियादी शिक्षण प्रतिमान

शिक्षण प्रतिमान क्या है | शिक्षण प्रतिमानों के प्रकार | What is The Teaching Model in Hindi ?

हण्ट शिक्षण प्रतिमान : चिन्तन स्तर का शिक्षण | Hunt Teaching Model in Hindi

Disclaimer -- Hindiguider.com does not own this book, PDF Materials, Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet or created by HindiGuider.com. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: [email protected]

Leave a Reply