परामर्शदाता की विशेषताएँ या गुण

परामर्शदाता की विशेषताएँ या गुण, परामर्शदाता के कार्य, प्रकार | Counselor in Hindi

परामर्शदाता(COUNSELOR) से आप क्या समझते हैं?

परामर्श की सम्पूर्ण प्रक्रिया में परामर्शदाता की प्रमुख भूमिका होती है। वास्तव में परामर्श की सफलता पर्याप्त सीमा तक परामर्शदाता की कुशलता, प्रतिभा तथा ज्ञान पर निर्भर करती है। अन्य शब्दों में परामर्श की सम्पूर्ण प्रक्रिया परामर्शदाता के कार्य, उसके कौशल तथा व्यक्तित्व से प्रभावित होती है। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि हम परामर्शदाता के अर्थ, प्रकार, कार्य तथा उसके वांछित गुणों का अध्ययन करें।

 

परामर्शदाता का अर्थ (Meaning of Counselor)

प्रारम्भ में परामर्शदाता शब्द के स्थान पर निर्देशन विशेषज्ञ’ शब्द का प्रयोग किया जाने लगा। जोन्स के विचार में परामर्शदाता वह है जो परामर्श का कार्य करता है। जोन्स के अनुसार एक परामर्शदाता को अनेक प्रकार के कार्य तथा जिम्मेदारियों नहीं सोपी जानी चाहिए। उसका कार्य केवल परामर्श देना ही होना चाहिए।

 

परामर्शदाता के प्रकार (Kinds of Counselor)

परामर्शदाता अनेक प्रकार के होते हैं, जो चिकित्सालयों, विद्यालयों, उद्योगों, बन्दीगृहों तथा कार्यालयों में कार्य करते हैं। हमारा उद्देश्य यहाँ केवल विद्यालय परामर्शदाताओं के विषय में विचार करना है। ये परामर्शदाता तीन प्रकार के होते है-

1.विद्यालय परामर्शदाता- विद्यालय परामर्शदाता से अभिप्राय उन परामर्शदाताओं से है, जो अपना पूरा समय विद्यालय परामर्श के कार्य में लगाते हैं।

2. शिक्षक परामर्शदाता- इस प्रकार के परामर्शदाता शिक्षण और परामर्श दोनों का कार्य करते है। डी. डब्ल्यू. लीफिवर (D.W. Lefever) के अनुसार, “एक शिक्षक परामर्शदाता वह है जिसे परामर्श कार्य के लिए कम-से-कम एक कक्षा के कार्य से मुक्त किया जाये, किन्तु जो अपने सम्पूर्ण समय के आधे समय का उपयोग परामर्श प्रार्थी के लिए न करे।

3. क्षेत्रीय परामर्शदाता– क्षेत्रीय परामर्शदाता का प्रमुख कार्य शिक्षक परामर्शदाता की सहायता करना होता है। जिले या अधिकतम 20 विद्यालयों के लिए एक क्षोत्रीय परामर्शदाता नियुक्त किया जाता है।

 

 

परामर्शदाता के कार्य (Functions of Counselor)

एक परामर्शदाता के विभिन्न विद्वानों ने निम्नलिखित कार्य बताये हैं-

(1) क्रो एवं क्रो (Crow and Crow) के अनुसार, छात्रों को व्यवसाय का चयन करने में सहायता देना।

(2) छात्रों को अपनी क्षमता और कशलता के अनुसार व्यवसाय का चयन करने में सहायता देना।

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(3) छात्रों की योग्यताओं रुचियों एवं रुझानों आदि की अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त करना।

(4) उनकी शारीरिक विशेषताओं के विषय में सूचनाएं प्राप्त करना।

(5) छात्रों के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त करना।

(6) उन्हें अग्रिम कक्षा और अन्य विद्यालय में पढाये जाने वाले विषयों की सूचना देना ।

(7) जोन्स (Jones) के मत में एक परामर्शदाता का उत्तरदायित्व है कि वह प्रत्येक छात्र को अपनी शैक्षिक व्यावसायिक और वैयक्तिक समस्याओं की जानकारी प्राप्त करने और उनको हल करने में सहायता दे।

(8) जोन्स के ही अनुसार जिन समस्याओं में समाधान तक एक छात्र सरलता से न पहुँच सके, उसमें सहायक साधनों या उपकरणों को गतिशील करना।

(9) स्वीकार की गयी, परन्तु समझी न जा सकने वाली समस्याओं की परिभाषा करना।

(10) छात्रों के मनोवैज्ञानिक परीक्षण लेना तथा उनके परिणामों का विश्लेषण करना।

(11) छात्रों को व्यावसायिक या टेक्नीकल संस्थाओं के पाठ्यक्रमों के विषय में सूचना देना।

(12) छात्र शैक्षिक एवं व्यावसायिक सूचनाएँ प्राप्त कर सकें, इस उद्देश्य से उन्हें पर्यटन के लिए उपयुक्त स्थानों पर ले जाना।

(13) प्रत्येक छात्र अधिक-से-अधिक सन्तोष प्राप्त कर सके, इसके लिए अध्ययन की योजना बनाने और उपयुक्त पाठ्यक्रम को चुनने में सहायता देना।

(14) क्रो एवं क्रो के अनुसार, प्रत्येक छात्र का साक्षात्कार करके उसे स्वयं को तथा अपनी समस्याओं को समझने में सहायता देना।

परामर्शदाता की विशेषताएँ या गुण (Merits or Characteristics of Counselor)

परामर्शदाता को अनेक कार्य करने पड़ते हैं, अतः परामर्शदाता को विशेष योग्यताओं वाला व्यक्ति होना परम आवश्यक है। विभिन्न विद्वानों ने परामर्शदाता की विशेषताएँ या गुणों का अपने-अपने अनुसार वर्णन किया है। यहाँ हम संक्षेप में उनका उल्लेख करेंगे-

1. उत्तम आधारभूत वृद्धि (Good Basic Intelligence)- फ्रेंकलिन जे. केलर (Franklin L. Keller) के अनुसार परामर्शदाता में इतनी चतराई होनी चाहिए कि वह अनुभव द्वारा या औपचारिक  शिक्ष के माध्यम से प्राप्त ज्ञान का परिस्थिति के अनुसार प्रयोग कर सके। यह उस समय ही हो सकता है जबकि वह बौद्धिक रूप से जाग्रत हो।

2. शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)- हार्डी (Hardee) के मत में परामर्शदाता पास मनोविज्ञान में एम. ए. अथवा शैक्षिक मनोविज्ञान में पीएच.डी. की उपाधि होनी चाहिए।

3. शिक्षण का अनुभव (Teaching Experience)– उत्तम शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्त परामर्शदाता को शिक्षण का अनुभव भी होना चाहिए। यह शिक्षण अनुभव ही छात्रों के दैनिक और उनकी समस्याओं का ज्ञान करा सकेगा।

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4. प्रशिक्षण (Training)- छात्रों की रुचियों, रुझानों तथा समस्याओं को भली प्रकार समझने के लिए परामर्शदाता को प्रशिक्षित होना आवश्यक है। ब्लम बैलन्सकी परामर्शदाता के प्रशिक्षण पर विशेष रूप से बल देते हैं।

 

5. गहन विशिष्ट जानकारी (Intensive Specific Information)– केलर के अनुसार परामर्शदाता को व्यवसाय के सम्बन्ध में गहन और विशिष्ट जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उसे केवल भविष्य में उत्पन्न होने वाले रोजगारों की सम्भावनाओं का ही ज्ञान नहीं होना चाहिए, वरन् उसे यह भी ज्ञान होना चाहिए कि उसके लिए कौन-सी योग्यताएँ एवं प्रशिक्षण उचित है।

6. पारस्परिक सम्बन्ध की भावना (Interpersonal Relationship)-एडवार्ड सी. (Edward C. Robber) के अनुसार युवकों को सहानुभूतिपुर्वक समझना, ईमानदारी, निष्ठा, लोगों से मिलने की योग्यता, जनसाधारण में रुचि रखना, किशोरों तथा अन्य समूहों के सदस्यों से सरलता से घनिष्ठता स्थापित कर लेना, दूसरों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना आदि ऐसे गुण है, जो कि प्रत्येक परामर्शदाता के अन्दर होने चाहिए।

7. स्वास्थ्य एवं बाह्य व्यक्तित्व (Health and Personal Appearance)-रोबर के अनुसार ही आकर्षक बाह्य रूपरेखा, सुन्दर स्वास्थ्य, मधुर वाणी, प्रागवत्ता तथा स्वच्छप्रियता आदि ऐसे गुण है, जो कि प्रत्येक परामर्शदाता में होने चाहिए।

8. समृद्ध सामान्य ज्ञान (Copious General Information)- केलर के मत में परामर्शदाता के लिए अपने आस-पास के सांस्कृतिक एवं भौतिक जगत् का सामान्य ज्ञान पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। व्यावसायिक जगत् की जानकारी मुख्य रूप से उसके लिए आवश्यक है।

9. विशेष वैयक्तिक गुण (Special Individualistic Merits)-उपर्युक्त गुणों के अतिरिक्त परामर्शदाता में कुछ विशेष वैयक्तिक गुणों का होना भी आवश्यक है। उसमें धैर्य, सहिष्णुता एवं सहानुभूति जैसे गुण होने चाहिए। इसके अतिरिक्त उसे यथासम्भव विवेकशील, उत्साही तथा अन्य व्यक्तियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

10. कार्य-अनुभव (Work Experience)- एक परामर्शदाता छात्रों की विभिन्न समस्याओं को उस समय ही समझने में सहायक होता है जबकि उसे अपने कार्य का भली-भाँति अनुभव हो।

11. नेतृत्व (Leadership)- रोबर के अनुसार अन्य व्यक्तियों को प्रभावित करने एवं उसका नेतृत्व कर सकने की क्षमता परामर्शदाता में होनी चाहिए।

 

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