इन्टरनेट (INTERNET)
आधुनिक युग में इन्टरनेट एक ऐसी तकनीक है जिसका प्रयोग आजकल बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है। इन्टरनेट का वर्णन करना बिल्कुल ऐसा ही है जैसा किसी शहर का वर्णन करना। शहर का नक्शा, उसकी सुन्दरता, उसकी गलियों, बाजार, घर, सरकार, लोग, मौसम, मैदान, पर्वत, नदियाँ आदि या इन सबका समग्र रूप यही तो शहर के वर्णन में निहित होता है। इन्टरनैट भी एक ऐसी ही चीज है, पर यह कोई सॉफ्टवेयर (Software) नहीं है, न यह कोई प्रोग्राम है, यह न तो हार्डवेयर (Hardware) है न यह किसी प्रकार की प्रणाली यह तो वास्तव में एक ऐसा स्थान है, जहाँ आपको अनेक सूचनायें प्राप्त हो सकती हैं, आप दूसरों को मुफ्त में या धन लेकर, ये सूचनायें उपलब्ध करा सकते हैं तथा विभिन्न लोगों से वार्ता कर सकते हैं।
“Internet is a place where you can get information, make information available (for free or for sale), and where you can meet people.”
-Paul E. Hoffman, 1996
इन्टरनेट एक ऐसी तकनीक है, जिसमें कम्प्यूटर्स के नैटवर्क (Network) का प्रयोग किया जाता है, जिससे कि लोगों को विभिन्न प्रकार की सूचनार्य प्राप्त होती है। इन्टरनेट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के डौकूमेण्टस् (Documents),वैज्ञानिक आँकड़े, रुचि सूची, तथा विभिन्न प्रकार के विज्ञापन एवं संस्थानों के विषय में सूचनायें उपलब्ध होती हैं। ये सूचनायें विश्व के किसी भी कोने से प्राप्त की जा सकती हैं। ये सूचनायें बड़ी सरलता से और त्वरित गति से प्राप्त हो जाती हैं। ‘यदि घर में टेलीविजन और निजी कम्प्यूटर हो तो अति आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से हम भली-भाँति जानकारी प्राप्त कर सकते है, भरपूर मनोरंजन कर सकते हैं और शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, सूचनाओं के मुक्त प्रवाह और ज्ञान में भागीदारी के फलस्वरूप हमारे सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक जीवन में गुणात्मक परिवर्तन हो रहे है। नवीन संचार और कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी के जरिये स्थापित नेटवर्क से उपलब्ध ज्ञान एवं काशल तक पहुँचाने के असीम अवसर पैदा हो रहे है।
सत्यनारायण पट्टनायक तथा ए० श्रवणान (1998) ने ‘इण्टरनेट संचार भारतीय परिप्रेक्ष्य’ नामक लेख में इन्टरनेट पर एक दृष्टि डालते हुये इण्टरनेट का विवरण प्रस्तुत किया है। उनके शब्दों में इण्टरनेट अत्याधुनिक संचार नेटवर्क है, जो सूचना और संचार-क्षेत्र की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है, यह एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसमें करोड़ों कम्प्यूटर एक नेटवर्क से जुड़े हुए है। यह डिजिटल स्रोत और रिसीवर को जोड़ने की प्रक्रिया है, इण्टरनेट को मोटे तौर पर कम्प्यूटरों के विश्वव्यापी नेटवर्क के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो एक प्रोटोकोल (सूचना के आदान-प्रदान सम्बन्धी नियम) के जरिए संचार करते हैं। इण्टरनेट के माध्यम से सर्वाधिक विविध स्रोतों से सूचनाओं तक पहुँचा जाता है, जिसमें व्यक्तियों और विश्व भर के संगठनों का योगदान होता है, उन्हें नेटवर्क ऑफ सर्वर्स (यानी सेवकों का नेटवक) कहा जाता है।
इण्टरनेट का एक वर्ल्ड वाइड वेब (www) है जिसे मात्र वेब भी कहा जाता है, जो विभिन्न संगठनों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, औद्योगिक इकाइयों, शैक्षिक प्रतिष्ठानों, आम अथवा खास हितों से सम्बद्ध समूहों अथवा निजी व्यक्तियों द्वारा बनाए गए हजारों सर्वर्स को आपस में जोड़ता है, सर्वर्स पर भरे गए वेब पृष्ठों (पेजिज) में विभिन्न प्रकार की जानकारी उपलब्ध होती है जैसे पाठ सामग्री (प्लेन टैक्स्ट), तस्वीर, ऐनिमेशन, मल्टीमीडिया आदि। इसे हासिल करने के लिए सामान्य शुल्क अदा करना पड़ता है और कभी-कभी बिना किसी लागत के यह जानकारी उपलब्ध हो जाती है। वेब-पृष्ठों से ईमेल, कासफ्रेंसिंग, इलेक्ट्रोनिक पब्लिकेशन्स जैसी सेवाएँ और अन्य व्यावसायिक सुविधाएँ भी उपलब्ध होती हैं, इण्टरनेट पाठ सामग्री (टेक्स्ट) अथवा सूचना को विश्व में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने का एक नया माध्यम है जो अत्यन्त शीघ्र, सस्ते में और आसानी से संचार करता है हालांकि यह स्वयं अन्तरक्रिया नहीं करता, किन्तु उपयोगकर्ता कम्प्यूटरों की बदौलत इस पर नियंत्रण रखते हैं, जो उन्हें नेटवर्क पर सूचना भेजने और प्राप्त करने में मदद। पहुँचाते हैं।
नेट के अन्तर्गत सूचना इण्टरमीडिएट नोड्स के माध्यम से स्रोत से लक्ष्य तक पहुँचती है, ये नॉड्स, सूचना को सही लक्ष्य तक पहुँचाने में पर्याप्त सक्षम होती है। स्रोत और लक्ष्य स्थलों के बीच सूचना-पैकेट विभिन्न मागों से होकर गुजरते हैं और अंतिम लक्ष्य तक पहुँचते हैं। किसी जानकारी को लक्ष्य तक पहुचातें समय इण्टरनेट आधारित सभी प्रणालियों को नियमों और प्रक्रियाओं के एक समान समूह का पालन करना होता है, जिन्हें प्रोटोकोल कहा जाता है। इन नियमों और प्रक्रियाओं को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल और इण्टरनेट प्रोटोकॉल मैकेनिज्म के रूप में जाना जाता है।
बोर्ड ऑन साइन्स तथा साइन्स टैक्नोलोजी फॉर इण्टरनेशनल डेवलपमेण्ट के अनुसार-
“The Internet is a cooperative computer network of networks that links governments, schools. libraries, corporations, individuals, and others to each other and to vast information resources. The Internet protocol links many disparate and independent networks together so that they appear as a single network to the user. The Internet currently consists of about 28.000 registered networks, about 2 million host computers, and an estimated 15 million users. About 149 countries have connections to some sort of an international computer network; of these, about sixty-three countries have direct connections to the Internet.”
इण्टरनेट के प्रयोग करने के लिये आपको जैसी सचनायें चाहिए उसी प्रकार के अलग प्रोग्राम चलाने पड़ेंगे। उदाहरण के लिये-एक प्रोग्राम डाक के लिये, दूसरा फाइल प्राप्त तीसरा खेलों के लिए।
इण्टरनेट के माध्यम से सरकारी सूचनायें, वैज्ञानिक आँकडे, व्यापारिक तथा व्यक्तिगत विज्ञापन तथा डेटाबेस (Data base) आदि मुफ्त में उपलब्ध होते हैं।
“When you speak of the ‘internet’ then, you can think of it as a combination of the network, the people who use it, all of the programmes used to get information, and the information itself. People from all over the world can access the internet, the world can access the internet, and more than 10 a million do so daily.”
इनमें से अधिकतर लोग केवल एक ही विशेषता “डाक’ (Mail) का प्रयाग कर बहुत से लोग दूसरी विशेषताओं का भी उपयोग करते हैं। ‘Mail’, electronic mail-email सब एक ही बात है।
“On the internet, paper based on mail is often jokingly called ‘snailmail to contrast it with instantaneous internet mail.”
इण्टरनेट की विशेषताएँ (Characteristics of Internet)
इण्टरनेट की प्रमुख विशेषतायें निम्नांकित हैं-
(1) इण्टरनेट में एक स्थान से अनेक स्थानों तक प्रसारण संचार की अपेक्षा बिन्दु से बिन्दु तक संचरित होता है।
(2) बड़ी मात्रा में ऑकड़ों की खोज करने में यह सहायक होता है।
(3) एक सर्वर से अन्य के बीच हाइपर लिंकिंग सुविधा, जिसमें एक शब्द क्लिक करके उपयोगकर्ता विश्व के किसी भी स्थान तक सीधे आँकड़ों के स्रोत तक पहुंच सकता है।
(4) इण्टरनेट के जरिये अनेक मल्टीमीडिया सम्बन्धी कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं। जैसे वीडियो कांफ्रेन्सिंग, डोकूमेण्ट रिट्रीवल आदि ।
इण्टरनेट एक बहुत उपयोगी व्यवस्था है। यह अनेक कार्य करने में समर्थ है। जैसे-
1. संक्षिप्त किन्तु महत्त्वपूर्ण सामाजिक नोट्स (Notes) का आदान-प्रदान।
2. विश्व की नवीनतम खबरें प्राप्त करना।
3. व्यापारिक समझौते (वार्ता) करना।
4. वैज्ञानिक शोध पर Collaboration करना।
5. समान रुचि वाले लोगों के साथ सूचनाआ का आदान-प्रदान करना।
6. आवश्यकतानुसार कम्प्यूटर फाइल्स का स्थानान्तरण करना।
एण्टरनेट पर कोई भी वार्ता कर सकता है बशर्ते उसक पास एक पर्सनल कम्प्यूटर, एक मोडम तथा एक टेलीफोन होना चाहिये। साथ ही सम्बन्धित आवश्यक हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर खरीदना पडता है। माडम कद्वारा कम्प्यूटर का सम्बन्ध सामान्य टेलीफोन लाइन दारा दूसरे के (PC) के साथ स्थापित किया जाता है।
इण्टरनेट का प्रारम्भ 1969 में हुआ था, तब इसे आर्पानेट (Advanced Research Project Agency Network ARPANET) कहा जाता था और यह उस समय केवल सैनिक प्रयोग के लिये थी। 1979 के इण्टरनेट एक कम्प्यूटरों का एक विश्वव्यापी जाल (नेटवक) है जो इण्टरनेट वर्किंग डिवाइस द्वारा आपस में जुड़े होते हैं।
आज 100 से अधिक राष्ट्रों में 32,000 से भी अधिक नेटवर्क तैयार हो चुके हैं, जिनके द्वारा वांछित सूचनायें प्राप्त की जा सकती हैं।
भारतवर्ष में इण्टरनेट सेवा में जनवरी 1997 में लगभग 3,138 इण्टरनेट होस्ट थे। 1990 के दशक के उत्तरार्ध में गैर व्यावसायिक आधार पर भी यह सुविधा उपलब्ध हो गयी थी। इसे “शैक्षिक अनुसंधान नेटवर्क” द्वारा केवल शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये उपलब्ध किया जाना शुरू हुआ।
इण्ट्रानेट(INTRANET)
इण्ट्रानेट की व्याख्या करते हुये स्मिता सिंह (1999) लिखती हैं-“जब हम एक आम आदमी से कम्प्यूटर के बारे में बातें करते हैं तो इण्टरनेट का जिक्र अपने-आप आ जाता है। वहीं, जब हम किसी बड़े कार्यालय के संदर्भ में इंटरनेट की बातें करते हैं तो इंट्रानेट का जिक्र अपने-आप आ जाता है। क्या है यह इंट्रानेट? इसका एक वाक्य में यही जवाब दिया जा सकता है कि यह किसी दफ्तर के अंदर का इंटरनेट का है। जो भी बातें पूरे विश्व के संदर्भ में इंटरनेट के लिए कही जा सकती हैं, वह सारी बातें एक कार्यालय परिसर के संदर्भ में इंट्रानेट के लिए भी सच हैं। इंटरनेट पूरे विश्व में फैले। कम्प्यूटरों का नेटवर्क है और इंट्रानेट एक कार्यालय में मौजूद कम्प्यूटरों का नेटवर्क है।
इंटरनेट पर आप दिल्ली में अपने कम्प्यूटर के सामने बैठकर आगरा, कानपर, पटना, मुंबई या न्यूयॉर्क, लंदन कहीं भी बैठे अपने किसी रिश्तेदार, मित्र या व्यावसायिक साझीदार को ई-मेल कर सकते हैं। लेकिन जब आप अपने कार्यालय में सामने की मेज पर बैठे सहयोगी से लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी में से किसी को ई-मेल भेजना चाहें तो इसके लिए इंट्रानेट की सेवाएँ हाजिर हैं।
केवल ई-मेल ही क्यों, जिस तरह इंटरनेट आज विश्व में सूचनाओं का सबसे समृद्ध खजाना बन चुका है, उसी तरह इंट्रानेट को ऐसी सूचनाओं का खजाना बनाया जा सकता है, जिनका इस्तेमाल कार्यालय के सभी लोग कर सकें। आज के प्रतिस्पर्धी युग में सूचना ही शक्ति का स्रोत है। सूचनाओं के प्रवाह का बेहतर प्रबंधन किए बिना कोई टिक नहीं सकता। इंट्रानेट कार्यालय के भीतर सूचनाओं का बेहतर प्रबंधन करने का कारगर साधन बन गया है।
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