मौर्य राजवंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। वह भारत का प्रथम ऐतिहासिक सम्राट था। वह ऐसा पहला सम्राट था

विशाखदत्त कृत ‘मुद्राराक्षस’ में चंद्रगुप्त को नंदराज का पुत्र माना गया है। मुद्राराक्षस में चंद्रगुप्त को ‘वृषल’ तथा ‘कुलहीन’ भी कहा गया है।

विलियम जोंस पहले विद्वान थे, जिन्होंने ‘सैंड्रोकोट्स’ की पहचान  मौर्य शासक चंद्रगुप्त मौर्य से की। एरियन तथा प्लूटार्क ने चंद्रगुप्त मौर्य को एंड्रोकोट्स के रूप में वर्णित किया है।

राजनैतिक तौर पर समस्त भारत का एकीकरण चंद्रगुप्त मौर्य के नेतृत्व में संभव हुआ। प्रारंभिक विजयों के फलस्वरूप चंद्रगुप्त का साम्राज्य निग्रो व्यास नदी से लेकर सिंधु नदी तक के प्रदेश पर हो गया।

राजनैतिक तौर पर समस्त भारत का एकीकरण चंद्रगुप्त मौर्य के नेतृत्व में संभव हुआ। प्रारंभिक विजयों के फलस्वरूप चंद्रगुप्त का साम्राज्य निग्रो व्यास नदी से लेकर सिंधु नदी तक के प्रदेश पर हो गया।

अशोक का इतिहास हमें मुख्यतः उसके अभिलेखों से ही ज्ञात होता है। उसके अभिलेखों का विभाजन 3 वर्गों में किया जा सकता है–
(1) शिलालेख (2) स्तंभलेख तथा (3) गुहालेखा 

शिलालेख 14 विभिन्न  लेखों से एक समूह है, जो आठ भिन्न-भिन्न स्थानों से प्राप्त किए गए हैं।(1) शाहबाजगढ़ी, (2) मानसेहरा, (3) कालसी, (4) गिरनार, (5) बोली, (6) जीगढ़, (7) एर्रागडी तथा (8) सोपारा।

मौर्य साम्राज्य

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