शिवाजी का जन्म सन् 1630 ई० में शिवनेर के दुर्ग में हआ था। भोंसले और माता जीजाबाई थीं।

शिवाजी

शिवाजी के गुरु दादा कोण्डदेव ने उन्हें व्यावहारिक राजनीति की शिक्षा दी। शिवाजी महाराष्ट्र की दशा देखकर हुए। बहुत से मालव नवयुवक उनके साथ हो गये उन्होंने मुसलमान शक्ति करना अपना लक्ष्य बना लिया।

जावली विजय-
1656 ई० में शिवाजी ने चन्द्रराव मोरे नामक मरहठा वंश के एक सरदार से जावली का प्रदेश छीन लिया जो सतारा के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित है।

कोकण विजय-
सन् 1657 ई० के अन्त में शिवाजी ने कोंकण पर आक्रमण का। कल्याण, भवन्डी चोल, ताले तथा लोहगढ़ आदि पर भी अधिकार कर लिया।

अफजल खाँ तथा शिवाजी-
बीजापुर सुल्तान शिवाजी से परेशान था। फलतः । 1659 ई० में अफजल खाँ नाम के एक योग्य सेनापति को शिवाजी का दमन करने के लिए भेजा।

मुगल तथा शिवाजी-
बीजापर से निपटने के बाद शिवाजी ने मुगल साम्राज्य पर धावे शुरू कर दिये।

  शिवाजी के शासन-प्रबन्ध
शिवाजी केवल एक कुशल सेनानायक तथा एक सफल विजेता ही नहीं थे, वरन् वह एक सुयोग्य शासक भी थे।

शिवाजी की उपलब्धियों की विवेचना

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