मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो में चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित मंदिर आज भी चंदेल स्थापत्य की उत्कृष्टता का बखान करते है ये मंदिर ग्रेनाइट और लाल बलुआ पत्थर से बने हैं।

भारतीय स्थापत्यकला

जैन मंदिरों में पार्श्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध है। यहां के अन्य मंदिर है- चौसठ योगिनी, ब्रह्या, दूल्हादेव मंदिर, लक्ष्मण, विश्वनाथ भागर आदि

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दशावतार मंदिर देवगढ उ. प्र. के (ललितपुर) में स्थित तथा यह मंदिर गुप्तकालीन है। प्राचीन भारत में गुप्त काल से सम्बंधित गुफा चित्रांकन के केवल दो उदाहरण उपलब्ध है।

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माउंट आबू के दिलवाड़ा जैन मंदिर संगमरमर के बने है, जिनका निर्माण गुजरात के चालुक्य (सोलंकी) शासक भीमदेव प्रथम के सामंत विमलशाह ने करवाया था।

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एलीफेंटा के प्रसिद्ध गुफा मंदिरों का निर्माण राष्ट्रकूट शासकों द्वारा कराया गया था। यहां से कुल सात गुफाए मिली है, जिसमें से पांच गुफा मंदिर प्राप्त हुए है

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एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। यह शैलकृत गुफा मंदिरों के लिए जगप्रसिद्ध है। यहां कुल 34 शैलकृत गुफाएं है। ये गुफाएं विभिन्न कालों में बनी है

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पुरी स्थित कोणार्क का विशाल सूर्यदेव का मंदिर नरसिंह देववर्मन प्रथम चोडगंग ने बनवाया था। यह मंदिर 13वीं शताब्दी का है तथा यह अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध है।

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लिंगराज मंदिर उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित है। इस मंदिर की शैली नागर है। यह नागर शैली का सर्वोत्तम मंदिर है। लिंगराज मंदिर का सबसे आकर्षक भाग इसका शिखर है,

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