वैश्वीकरण से अभिप्राय किसी देश की कृषि अर्थव्यवस्था को विश्व की कृषि व्यवस्थाओं के साथ जोड़ने से हो,
वैश्वीकरण का आशय है- किसी देश की कृषि व्यवस्था को संसार के अन्य देशों की कृषि व्यवस्थाओं से सम्बद्ध करना।
"वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा अपेक्षाकृत सामाजिक सम्बन्ध दूरी रहित और सीमा रहित गुणों को ग्रहण करते हैं।
आर्थिक विकास के बाद भी और बेरोजगारी समस्या बनी हुई है। सन् 2002 में 26.1 प्रतिशत भारतीय गरीबी के नीचे गुजर-बसर कर रहे थे।
वैश्वीकरण के कारण भारतीय उद्योग एवं कृषि दोनों पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों एवं निगमों का शिकंजा तथा प्रभुत्व बढ़ रहा है।
वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव से देशी उद्योग-धन्धे धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे है।
वैश्वीकरण के फलस्वरूप विकासशील भारत की आर्थिक निर्भरता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।