शैक्षिक तकनीकी का क्षेत्र

1. व्यवहार तकनीकी (Behavioral Technology):  

“जब अनुक्रिया जटिल होती है, उस समय वह व्यवहार कहलाती है। व्यवहार का परिस्थिति से वैसा ही सम्बन्ध होता है, जैसा कि अनक्रिया का उद्दीपन से होता है।”

व्यवहार तकनीकी की विशेषताएं (Characteristics of Behavioral Technology)

इसमें मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का अनुकरण किया जाता है।
व्यवहार तकनीकी सोफ्टवेयर उपागम का अनुसरण करती है।

अनुदेशनात्मक तकनीकी (Instructional Technology)

शैक्षिक तकनीकी में अनदेशनात्मक तकनीकी अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। इसमें शिक्षण सिद्धान्त, शिक्षण प्रारूप, शिक्षक के व्यवहार सिद्धान्त, अभिक्रमित

अनुदेशनात्मक तकनीकी की विशेषताएं :

इस तकनीकी द्वारा व्यक्तिगत विभिन्नताओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। 
इसमें छात्रों को सही अनुक्रिया करने पर पुनर्बलित किया जाता है।

शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology)

 इस प्रकार शिक्षण तकनीकी के अन्तर्गत  उपर्युक्त वर्णित दोनों तकनीकी (व्यवहार व अनुदेशन) सम्मिलित हैं।

शिक्षण तकनीकी की विशेषताएं:

शिक्षण तकनीकी के अनुसार शिक्षण प्रक्रिया में छात्र को केन्द्रबिन्दु माना जाता है। 
इस तकनीकी से शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाया जा सकता है।

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