ग्रामीण समाजशास्त्र का महत्व और विकास | Importance of Rural Sociology in Hindi
ग्रामीण समाजशास्त्र की अवधारणा सन 1838 में फ्रांसीसी समाज वैज्ञानिक ऑगस्ट कॉम्टे ने जिस ‘सामाजिक भौतिकशास्त्र’ को ‘समाजशास्त्र’ की संज्ञा दी है वह अपने जन्म के लगभग 172 वर्षों की अवधि में विभिन्न शाखाओं/ प्रशाखाओं के रूप में विकसित हो गया है। ग्रामीण समाजशास्त्र ग्रामीणों के जीवन की विभिन्न परिस्थितियों/दशाओं के पक्षों के अध्ययन की … Continue reading ग्रामीण समाजशास्त्र का महत्व और विकास | Importance of Rural Sociology in Hindi
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